सिवनी, मध्यप्रदेश।
जिला पंचायत सिवनी के सीईओ नवजीवन विजय के तानाशाही रवैये को लेकर जिले में जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। आम जनता और पढ़े-लिखे वर्ग के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं ने प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने सीईओ को तत्काल हटाने की मांग की है।
जनता के आरोप: संवादहीनता और दुर्व्यवहार स्थानीय निवासियों का कहना है कि सीईओ नवजीवन विजय का व्यवहार अपमानजनक और असंवेदनशील है। शिकायतों पर कार्रवाई करने के बजाय जनता को अनसुना किया जा रहा है। कई लोगों ने बताया कि सीईओ के रवैये ने प्रशासन के प्रति उनके भरोसे को कमजोर कर दिया है।
जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप
जनप्रतिनिधियों ने सीईओ के व्यवहार को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे अधिकारियों के कारण जनता और प्रशासन के बीच की दूरी बढ़ रही है। यह स्थिति न केवल जनकल्याण को प्रभावित कर रही है, बल्कि विकास कार्य भी बाधित हो रहे हैं।
जनता की मांग और विरोध की चेतावनी
स्थानीय नागरिकों ने स्पष्ट किया है कि यदि नवजीवन विजय को तुरंत सिवनी से नहीं हटाया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि प्रशासन को जनता के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह होना चाहिए।
सरकार से उम्मीद
मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए त्वरित कार्रवाई करेंगे। सिवनी में अब प्रशासनिक सुधार की मांग तेजी से जोर पकड़ रही है।(यह रिपोर्ट सिवनी के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की मांगों पर आधारित है।)