भारत पेरिस ओलंपिक के लिए तैयार है, ऐसे में खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में उत्सुकता और उत्साह की भावना है। टोक्यो ओलंपिक ने ऐतिहासिक जीत, खासकर भाला फेंक में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक के साथ देश को गौरव की अनुभूति कराई। पेरिस रवाना होने से पहले पीएम मोदी के साथ बैठक न केवल एक प्रेरणा थी, बल्कि 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की बोली की दिशा में एक रणनीतिक कदम भी था। पेरिस में व्यवस्थाओं पर अपने अनुभव और प्रतिक्रिया साझा करने से न केवल मौजूदा टीम को लाभ होगा, बल्कि वैश्विक खेल क्षेत्र में भविष्य के प्रयासों का मार्ग भी प्रशस्त होगा। भारतीय एथलीटों की क्षमता को पोषित करने और वैश्विक मंच पर उनकी प्रतिभा को प्रदर्शित करने के लिए सरकार का समर्थन और मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है। पेरिस ओलंपिक की यात्रा केवल पदक जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि भविष्य में प्रतिष्ठित आयोजन की सफल मेजबानी के लिए आधार तैयार करने के बारे में भी है। नेतृत्व और एथलीटों के बीच इस तरह की बातचीत खेल उत्कृष्टता और राष्ट्रीय गौरव प्राप्त करने में सहयोग और दूरदर्शिता के महत्व को उजागर करती है।