कल्लाकुरिची जहरीली त्रासदी के पीड़ितों के लिए मुआवज़ा आदेश के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में दायर याचिका ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर बहस छेड़ दी है। नेटिज़न्स की राय अलग-अलग है, कुछ लोग इस याचिका का समर्थन करते हुए तर्क देते हैं कि पीड़ित सरकारी कर्मचारी या नायक नहीं थे जो इतनी बड़ी मुआवज़ा राशि के हकदार थे। दूसरी ओर, कई लोग इस दृष्टिकोण से नाराज़ हैं, जो इस बात पर ज़ोर देते हैं कि खोई हुई हर जान अमूल्य है और त्रासदी से प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता बहुत ज़रूरी है। इस मामले को लेकर चर्चा ने भारत में अवैध शराब उत्पादन और वितरण के बड़े मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है, जिससे भविष्य में ऐसी विनाशकारी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमन और प्रवर्तन की मांग की गई है।