आईजी के अनुसार, भीमदान ने 2007 में अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखा. फरारी के दौरान वह महाराष्ट्र के अमरावती क्षेत्र में फर्नीचर का काम करने लगा. वहीं उसने एक व्यक्ति से हथियार बनाने की कला सीखी. इसके बाद वह 12 बोर, 315 बोर और 32 बोर के हथियार सप्लाई करने लगा.