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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में अनियमितताओं के खुलासे ने पूरे उत्तर प्रदेश में सनसनी फैला दी है। 50 अभ्यर्थियों की उत्तर प्रतियों में हेराफेरी ने सिविल जजों की भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोग द्वारा परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की बात स्वीकार करने से इच्छुक अभ्यर्थियों और आम जनता में व्यापक आक्रोश फैल गया है।जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, पूरी परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता और भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए किए गए उपायों पर सवाल उठ रहे हैं। प्रभावित उम्मीदवारों के परिणाम 3 अगस्त तक फिर से घोषित करने का उप सचिव का हलफनामा इन अनियमितताओं के कारण हुए अन्याय को सुधारने की दिशा में एक कदम है। हालाँकि, यह घटना सभी भर्ती प्रक्रियाओं में नैतिकता और निष्पक्षता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के महत्व की एक कठोर याद दिलाती है।