मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में अग्निपथ योजना को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस योजना के तहत, 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों को योजना की समीक्षा और उसमें बदलाव करने का काम सौंपा गया है। सरकार इसे और अधिक आकर्षक और कारगर बनाने का प्रयास कर रही है।
इसके बावजूद, विपक्ष इस योजना के विरोध में उतर रहा है। वह पूछ रहा है कि क्यों सरकार इसे बदलने की आवश्यकता महसूस कर रही है और क्या इसमें समस्याएं हैं जो हल नहीं की जा सकतीं। उनका मानना है कि इसकी समीक्षा और सम्पूर्ण विवेचन की आवश्यकता है।
सरकार ने इस योजना के अंतर्गत काम करने वालों की सैलरी और सुविधाओं का भी अंतर्निहित सर्वे किया है। इसका उद्देश्य स्पष्ट है – कामकाजी समृद्धि और कर्मचारियों की भलाई की सुनिश्चित करना।
सरकार द्वारा की गई इन सभी पहलों के बावजूद, यह सवाल अब उठता है कि अगले कदम में क्या होगा – क्या योजना में बदलाव होगा या फिर इसे बंद कर दिया जाएगा। इसका निर्णय समय ही बताएगा।